अब थम जाइए ____(पत्नी _पीड़ा) ___ घनाक्षरी
लगी लगी कहने तो, एक दिन पत्नी जी।
स्वामी जी लिखाई छोड़ो, अब थम जाइए।।
दिन भर लिखते हो,रात भर बकते हो।
थकते नहीं क्या तुम, अब थम जाइए।।
कमाई तो होती नहीं,कितनी कविता कही।
सुन सुन थक गई,अब थम् जाइए।।
मेरा भी तो ध्यान धरो कुछ तो सम्मान करो।
हरो हरो पीर मेरी, अब थम जाइए।।
राजेश व्यास अनुनय