अब तुम ही कहो सुभाष…
कहो तो बोस…
कौन है जो आज ये कह देगा
‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा’
तेरे जड़-चेतन से मैं गुलामी को हर लूंगा
अब तो वो ये कहते हैं…हिन्द में रहकर
स्वदेशी से स्वदेशी को भला कैसी आजादी
चंद लोगों की मिलकर करो गुलामी पूरी आवादी
‘तुम मुझे खून दो, मैं दूंगा मानसिक गुलामी’
कहो तो सुभाष…
‘आजाद हिन्द फौज’ का गठन कौन करेगा
कौन है जो सत्ता के जबड़े में अपना हाथ धरेगा
साम्राज्यवाद से आजादी के नाम पे फिर से
भूरे अंग्रेजों से दो-दो हाथ करेगा
कौन है जो भेड़ के खाल में भेड़िये से लड़ लेगा
अब तुम ही कहो सुभाष,
दमन के मुँह पे सवाल कौन धरेगा … ?
…सिद्धार्थ