Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Dec 2021 · 1 min read

अब तुमसे—-चलै,न छोड़ो राम भरोसे!

अब तुमसे चलै न सरकार , छोड़ो राम भरोसे-२——छोड़ो राम भरोसे। पैसे कमाने के लिए बन जाते हैं नेता। सेवा की आड़ में करते हैं , देता -लेता।—++——–करते है दुर्व्यवहार।अब तुमसे चलै न सरकार। छोड़ो राम भरोसे, छोड़ो राम भरोसे।————++——–+——-++-देखो कर्मचारी तुम्हारे। बिना लेन ,देन किये, जनता खड़ी द्वारे।——न्याय की अब किससे करें गुहार।अब तुमसे चलै न सरकार। छोड़ो राम भरोसे। जनता कुछ न समझती है।घुट घुट कर मरती रहती है।–अवाज उठाने से अब हुई है लाचार।अब तुमसे चलै न सरकार। छोड़ो राम भरोसे।एक टका का काम न करते।लाख रुपए वेतन लेते।करो शिकायत तो लगाते हैं फटकार।अब तुमसे चलै न सरकार। छोड़ो राम भरोसे।अब कोई किसी न सुनता है। अपनी अपनी गुनता है। जहां पर खर्च हुई चबन्नी,लाख रुपए बिल भरता है।सबके अपने अपने हिस्सेदार।अब तुमसे चलै न सरकार छोड़ो राम भरोसे।चोरी करने के बनें है, अपने , अपने ठिकाने। चोर चोर बने हैं मौसयाते भैया,सब मिल बांट कर खाने।।चरम सीमा तक बढ़ गया दुराचार।अब तुमसे चलै न सरकार। छोड़ो राम भरोसे। अपनी अपनी ढपली,अपना अपना राग। कोई खोदता कुआं, कोई लगावै आग।———-जनता अकेली क्या करें, किससे करें पुकार।अब तुमसे चलै न सरकार , छोड़ो राम भरोसे।

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 2 Comments · 307 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ऋतु बसंत
ऋतु बसंत
Karuna Goswami
रे ! मेरे मन-मीत !!
रे ! मेरे मन-मीत !!
Ramswaroop Dinkar
खोल नैन द्वार माँ।
खोल नैन द्वार माँ।
लक्ष्मी सिंह
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
सबसे कठिन है
सबसे कठिन है
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जब तुम एक बड़े मकसद को लेकर चलते हो तो छोटी छोटी बाधाएं तुम्
जब तुम एक बड़े मकसद को लेकर चलते हो तो छोटी छोटी बाधाएं तुम्
Drjavedkhan
अतिथि देवोभवः
अतिथि देवोभवः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कुंडलिया छंद *
कुंडलिया छंद *
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Typing mistake
Typing mistake
Otteri Selvakumar
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
तुम चंद्रछवि मृगनयनी हो, तुम ही तो स्वर्ग की रंभा हो,
SPK Sachin Lodhi
ताक पर रखकर अंतर की व्यथाएँ,
ताक पर रखकर अंतर की व्यथाएँ,
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
फितरत अमिट जन एक गहना🌷🌷
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
एक कप कड़क चाय.....
एक कप कड़क चाय.....
Santosh Soni
वो कहते हैं की आंसुओ को बहाया ना करो
वो कहते हैं की आंसुओ को बहाया ना करो
The_dk_poetry
2877.*पूर्णिका*
2877.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दुम कुत्ते की कब हुई,
दुम कुत्ते की कब हुई,
sushil sarna
उसका अपना कोई
उसका अपना कोई
Dr fauzia Naseem shad
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
अधरों पर शतदल खिले, रुख़ पर खिले गुलाब।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
सत्य कुमार प्रेमी
मुल्क
मुल्क
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
मिथकीय/काल्पनिक/गप कथाओं में अक्सर तर्क की रक्षा नहीं हो पात
Dr MusafiR BaithA
रमेशराज की एक तेवरी
रमेशराज की एक तेवरी
कवि रमेशराज
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
*साड़ी का पल्लू धरे, चली लजाती सास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"इंसानियत की लाज"
Dr. Kishan tandon kranti
हिमनद
हिमनद
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
भुलक्कड़ मामा
भुलक्कड़ मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
फूलों की बात हमारे,
फूलों की बात हमारे,
Neeraj Agarwal
Loading...