Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2023 · 1 min read

अब जमाना आ गया( गीतिका )

अब जमाना आ गया( गीतिका )
“””””””””””””””””””””'”””””””””””””””””””””””
फेसबुक या व्हाट्सएप का, अब जमाना आ
गया
अच्छा हुआ हमको कि जो, इनको चलाना
आ गया (1)

डाकिए की शक्ल देखे, एक अरसा हो चुका
चिट्ठियों ! अब तो हमें, तुमको भुलाना आ गया(2)

जिनको समझते थे सरल, सीधा सदा निर्दोष
हम
अब सुना है उनको भी, पीना-पिलाना आ
गया (3)

सोहबतों का है असर, या फिर जमाने की हवा
रिश्वतें सबको मजे से, खूब खाना आ गया(4)

बातें करेंगे चार गज की, इंच-भर हिलना नहीं
गाल देखो जाने किन, किनको बजाना आ गया(5)

सब समस्याओं का केवल, एक हल आया
समझ
” हम दो हमारे दो “, सु-राहों पर जो जाना आ
गया (6)

अक्सर बहस में जीतने का, अर्थ होता हार है
जीत उसकी है जिसे, सिर को झुकाना आ
गया (7)
“”””””””””””””””””””””‘”””””””””””””””””””””””
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

363 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
अब कलम से न लिखा जाएगा इस दौर का हाल
Atul Mishra
हे ! निराकार रूप के देवता
हे ! निराकार रूप के देवता
Buddha Prakash
- बेबस निगाहे -
- बेबस निगाहे -
bharat gehlot
मंजिल को अपना मान लिया।
मंजिल को अपना मान लिया।
Kuldeep mishra (KD)
3087.*पूर्णिका*
3087.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"विजेता"
Dr. Kishan tandon kranti
प्यार और धोखा
प्यार और धोखा
Dr. Rajeev Jain
कविता
कविता
Nmita Sharma
गणेश अराधना
गणेश अराधना
Davina Amar Thakral
*****नियति*****
*****नियति*****
Kavita Chouhan
महाकाल
महाकाल
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
दोस्तों अगर किसी का दर्द देखकर आपकी आत्मा तिलमिला रही है, तो
दोस्तों अगर किसी का दर्द देखकर आपकी आत्मा तिलमिला रही है, तो
Sunil Maheshwari
गोवर्धन
गोवर्धन
Dr Archana Gupta
अमृत वचन
अमृत वचन
Dp Gangwar
श्री श्याम भजन
श्री श्याम भजन
Khaimsingh Saini
Don't Be Judgemental...!!
Don't Be Judgemental...!!
Ravi Betulwala
कुछ हल्का हो लें
कुछ हल्का हो लें
Jyoti Roshni
Aaj Aankhe nam Hain,🥹
Aaj Aankhe nam Hain,🥹
SPK Sachin Lodhi
क्योंँ छोड़कर गए हो!
क्योंँ छोड़कर गए हो!
दीपक झा रुद्रा
ज़िंदगी का यकीन कैसे करें,
ज़िंदगी का यकीन कैसे करें,
Dr fauzia Naseem shad
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
जिसने हर दर्द में मुस्कुराना सीख लिया उस ने जिंदगी को जीना स
Swati
दोहा पंचक. . . . ज्ञान
दोहा पंचक. . . . ज्ञान
sushil sarna
"अपनी भूल नहीं मानते हम ll
पूर्वार्थ
जिंदगी मैं भी तो हूं
जिंदगी मैं भी तो हूं
Surinder blackpen
वाणी का माधुर्य और मर्यादा
वाणी का माधुर्य और मर्यादा
Paras Nath Jha
नारी- शक्ति आह्वान
नारी- शक्ति आह्वान
Shyam Sundar Subramanian
*चलो नहाऍं आज चाँदनी में घूमें हम दोनों (मुक्तक)*
*चलो नहाऍं आज चाँदनी में घूमें हम दोनों (मुक्तक)*
Ravi Prakash
#आज_की_बात-
#आज_की_बात-
*प्रणय*
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...