Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2024 · 1 min read

अब छोड़ जगत क्षआडंबर को।

अब छोड़ जगत आडंबर को।
तू निहार प्रेरक अंबर को।।
आत्मलीन हो खोज स्वयं ही,
निज स्वरूप सुख अभ्यंकर को।।

— ननकी 19/10/2024

64 Views

You may also like these posts

जिन स्वप्नों में जीना चाही
जिन स्वप्नों में जीना चाही
Indu Singh
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रथ निकला नन्द दुलारे की
रथ निकला नन्द दुलारे की
Bharti Das
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
अंतर्राष्ट्रीय पाई दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
बुंदेली दोहा - परदिया
बुंदेली दोहा - परदिया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"तरक्कियों की दौड़ में उसी का जोर चल गया,
शेखर सिंह
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
Keshav kishor Kumar
चंद तहरीरो पर ज़ा या कर दूं किरदार वो नही मेरा
चंद तहरीरो पर ज़ा या कर दूं किरदार वो नही मेरा
पं अंजू पांडेय अश्रु
पिता
पिता
पूर्वार्थ
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
manjula chauhan
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
बिगड़ता यहां परिवार देखिए........
SATPAL CHAUHAN
तुम मेरी
तुम मेरी
Dr fauzia Naseem shad
झुकता हूं.......
झुकता हूं.......
A🇨🇭maanush
हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है
हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है
डॉ. दीपक बवेजा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
किस कदर
किस कदर
हिमांशु Kulshrestha
मेरा सपना
मेरा सपना
Adha Deshwal
एक शायर का दिल ...
एक शायर का दिल ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
🙅महा-ज्ञान🙅
🙅महा-ज्ञान🙅
*प्रणय*
वक़्त की पहचान🙏
वक़्त की पहचान🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
ज़िंदगी में एक बार रोना भी जरूरी है
Jitendra Chhonkar
*ड्राइंग-रूम में सजी सुंदर पुस्तकें (हास्य व्यंग्य)*
*ड्राइंग-रूम में सजी सुंदर पुस्तकें (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
खुल गया मैं आज सबके सामने
खुल गया मैं आज सबके सामने
Nazir Nazar
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"आओ दीपावली मनाएँ"
Dr. Kishan tandon kranti
यादों के सायों की
यादों के सायों की
Minal Aggarwal
*माटी की संतान- किसान*
*माटी की संतान- किसान*
Harminder Kaur
2526.पूर्णिका
2526.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
औरत की अभिलाषा
औरत की अभिलाषा
Rachana
Loading...