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8 Jun 2020 · 1 min read

अब चलते हैं जब लड़खड़ाते हैं क़दम…

अब चलते हैं जब लड़खड़ाते हैं क़दम,
कितना संभले थे एक उम्र तक हम
इश्क़ नहीं करते तो आज ये हाल नहीं होता,
दिल मिरा भी लहू के अश्क नहीं रोता
अब शायद दाएम दूर ही रहें मुझसे ख़ुशियाँ,
दिल तड़पे मेरा और बहें हर वक़्त ये अखियाँ
दिल लगाने की ये सज़ा है जो पा रहे हम
क़रीब जिसके उसी से धोखा खा रहे हम
अब कैसे हम जी पायेंगें मालूम नहीं,
उनके दिए ज़ख्मों को सी पायेंगें मालूम नहीं
वो तो ख़ुश हैं किसी और की बाहों में जाकर,
बीच सफ़र में हाथ मेरा छुड़ाकर
रब उनको उनकी मंज़िल पे पहुचाये,
जैसा वो चाहे या ख़ुदा वैसा हो जाये
मेरे सुख उनको उनके सारे दुःख मेरे हिस्से आजायें,
पल पल हर पल यही सदा वो मुस्कायें बस मुस्काएँ ।।

✍️#हनीफ़_शिकोहाबादी

Twitter ?@ Er_Wr_Haneef

Other ?@ HaneefShikohabadi

Contact ? @ 9759212850

Language: Hindi
5 Likes · 1 Comment · 461 Views
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