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20 Mar 2020 · 1 min read

अब गले से लगा लो मुझकों

बहुत कराया, इंतज़ार दिल को
अब गले से लगा लो मुझकों
बेचैन कर रहा, प्यार तेरा
जहां से तुम, चुरा लो मुझकों
यूँ न खेलो, जज्बातों से तुम
अश्कों में ही बहा लो मुझकों
भाता नहीं, सिवा तेरे, कुछ भी
अब तुम ही, सम्भालो मुझकों
विरह वेदना बहुत हो चुकी,
अब तो पास ,बुला लो मुझकों
देखी है तड़प मैने तुझमें भी,
अपनी बाहों में छुपा लो मुझकों
यूँ क्यो तड़पा रहे हो सनम
अब गले से लगा लो मुझकों

रेखा?”कमलेश “?
होशंगाबाद, मप्र

Language: Hindi
4 Likes · 3 Comments · 330 Views
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