अब खुद से अनजान बन बैठा हूँ
मुक्तक………..
अब खुद से अनजान बन बैठा हूँ
अब उसकी पहचान बन बैठा हूँ
नहीं है दिल मेरा, मेरा मेरे वश में
अब उसका मेहमान बन बैठा हूँ
भूपेंद्र रावत
10/10/2017
मुक्तक………..
अब खुद से अनजान बन बैठा हूँ
अब उसकी पहचान बन बैठा हूँ
नहीं है दिल मेरा, मेरा मेरे वश में
अब उसका मेहमान बन बैठा हूँ
भूपेंद्र रावत
10/10/2017