अब कौन मुझ पर ऐतबार करेगी
अब कौन मुझ पर ऐतबार करेगी,
इस तन्हाई भरे दिल से कौन क्यों प्यार करेगी,
चल पड़ा हु, इस बिखरे दिल को लेकर,
अब सुई से सीकर कोन इसको गुलज़ार करेगी,
हर किसी का होता है सुन्दर सपना,
दो पल तो साथ बैठे पर वो हो अपना,
मझधार में डूप रही कस्ती है मेरी,
अब कोण पतवार लेकर इसे पार करेगी,
मैं तो ग़म इतना खो गया हु यारो,
ज़िंदा हु और हु मरने की कतार में,
किसी का हाथ थाम नहीं सकता,
ज़िंदगी चाहते है, सब मरने का कौन इंतज़ार करेगी,