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20 Nov 2017 · 1 min read

अब कोई ऐसी दवा नही मिलती जीने की कोई वजह नही मिलती

अब कोई ऐसी दवा नही मिलती
जीने की कोई वजह नही मिलती

चाह तो मंज़िल को पा जाने की है
लेकिन अब कोई राह नही मिलती

ऊँचे आकाश में उड़ते है जो पंक्षी
दरख़्त में उनको जगह नही मिलती

गुज़र गया बचपन दोस्तों के संग मस्तियों में
अब ज़िन्दगी में वैसी हँसी ख़ुशी नही मिलती

लगता है माँ के हाथ में कोई जादू था
माँ की दुआ अब कही नही मिलती

भूपेंद्र रावत
20।12।2017

1 Like · 389 Views
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