अब के बरस दिवाली में
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अब के बरस दिवाली में
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(1)
हर घर दीपक जलाना होगा,
जीवन से अंधेरा मिटाना होगा।
शुभ दीवाली हर आँगन में हो,
खुशियों से घर बसाना होगा।
(2)
दुखों को मन से उठाना होगा,
खुशी की उमंग अब लाना होगा।
हृदय में आत्मजोत जगा लो,
जीवन में नई रोशनी लाना होगा।
(3)
न किसी से अब लड़ाई होगा,
न किसी से अब बुराई होगा।
प्रेम की गंगा खूब बहा दो,
दिल से सभी अपना होगा।
(4)
न सिर शर्म से नीचा होगा,
न ही घमंड से ऊचां होगा।
सदभावना का दीप जला लो,
रोशन विश्व समूचा होगा।
(5)
न किसी से अब गिला होगा,
न किसी का अब भय होगा ।
सबको मिलकर गले लगा ले,
गदगद तेरा हृदय होगा।
(6)
न किसी से अब आक्रमण होगा,
न किसी से अब पराजय होगा ।
अब के बरस दिवाली में,
जीत की खुशियाली होगा।
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रचनाकार डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
पिपरभावना, बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822