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13 Aug 2022 · 1 min read

अब और कितना झूठ बोले तानाण तेरे किरदार में

अब तो सारे सवाल खत्म हो गए बाजार में
जब से खाली करी बोतल बियर बार में
गजल लिखने का क्या फायदा तेरे दिदार में
जब एक हि मिसरे को पढूं में चार बार में
अब तो शायरा भी चली गई हैं किसी कि कार में
जब से बंजर भूमी पर फुल खिले नौ बहार में
अब तो घूमना फिरना भी बंद हुआ आगार में
जब से जेब में रखे पेन को किया है श्रृंगार में
अब और कितना झूठ बोले तानाण तेरे किरदार में
जब से डायरी को छोड़ दिया है भंगार में
~ मनोज तानाण~
( Manoj Tanan)

5 Likes · 6 Comments · 426 Views
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