अब इंतज़ार क्या करना
तेरा दीदार क्या करना
अब इंतज़ार क्या करना
तेरी राह में भटक गए हम
अब तेरा इक़रार क्या करना
जहाज जब डूब गया किनारे में
तो फ़िर समुंद्र को पार क्या करना
तमन्ना ऐ ज़ख्म में घायल दिल है
तो फ़िर दिल पर वार क्या करना
दर्द ने जब आशियाना बना लिया हो
तो फ़िर ख़ुशी का इंतज़ार क्या करना
जब साक़ी ने ही जाम में विष पिलाया हो
तो साक़ी के जाम का ऐतबार क्या करना
गम्माज़, ग़मगुसार बन कर आते है
ऐसे गम्माज़ से अब प्यार क्या करना
खंज़र छुपाये रखे थे, हाथ कंधों में रखे
फ़िर ऐसे हाथों में विशवास क्या करना
अज़ीब अज़ाब(पीड़ा)है आशिक़ के प्यार में
तो फिर अब उक़ूबत से इंकार क्या करना
उजाड़ दिया हो जिसने गुलशन को
तो फिर उसपर गुमान(गर्व) क्या करना
गर्दिश में जब सितारे हो भूपेंद्र
गैहान(संसार) पर विशवास क्या करना
भूपेंद्र रावत
23।08।2017