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10 Aug 2021 · 1 min read

अब आलोचक नहीं है बनना

सबको सदमार्ग पर चलना,
सीखना है कर्तव्य से पलना,
भला बुरा तो निरेख लिया,
अब आलोचक नहीं है बनना।

अपने खुद आदर्श में ढलना,
सत्य धर्म का पालन करना,
मानवता का पथ अपनाकर,
अब आलोचक नहीं है बनना।

तम में भी इक नूर का गहना,
अब खुश्बू चहुँ ओर है मढ़ना,
गुण दोषों का दरश नहीं कर,
अब आलोचक नहीं है बनना।

दम्भ द्वेष कलुष ना छलना,
अब हरदम सबके ही रहना,
है प्यार बाँटना जग में सारा,
अब आलोचक नहीं है बनना।

°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
अशोक शर्मा, कुशीनगर,उ.प्र.
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 243 Views
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