अबके साल कहाँ?
तौबा ये विजया का धमाल।
शादी करेगा अबके साल।
अगुआ फिर झट से कहते है
अबके साल कहाँ?
तौबा ये विजया का धमाल।
शादी करेगा अबके साल।
सितम विजया पे ये छाया कबसे।
इस साल हो ही जाए मांगा है रबसे।
रातों को नींद न आये उसको
देखा है सपना मेंहरी का जबसे
के अब कुछ है ख़याल कहाँ।
तौबा ये विजया का धमाल।
शादी करेगा अबके साल।
अगुआ फिर झट से कहते है
अबके साल कहाँ?
यही दिल मे है उसके चेहरा सजा के।
घोड़े पे चढ़के बैंड बाजा बजा के।
सुंदर हो दुल्हन जो वारा मैं जाऊँ
व्याह के लाँऊ उसको सर पे बिठा के ,
कोई बचता सवाल कहाँ।।
तौबा ये विजया का धमाल।
शादी करेगा अबके साल।
अगुआ फिर झट से कहते है
अबके साल कहाँ?
-सिद्धार्थ गोरखपुरी