Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2020 · 1 min read

अबकी बार दीए ऐसे जलाना

अबकी बार दीए ऐसे जलाना,
जिससे देश में खुशहाली हो।

मिट्टी के दीए तुम जलना सब,
इससे गरीब परिवार पलते है।
कीट पतंग मच्छर आदि सभी,
तेल के दीए से ही जलते हैं।
मत लाना तुम चाइना के दीए,
इससे देश का धन बाहर जाता हैं।
वोकल से तुम लोकल बनना है,
इससे ही देश में आनंद आता है।।
यह देश तुम्हारा बगीचा हैं,
तुम इस देश के माली हो,
अबकी बार दीए ऐसे जलाना,
जिससे देश में खुशहाली हो।।

सीमाओं पर दो दुश्मन खड़े हैं,
उनसे देश को तुम्हे बचाना है।
देनी पड़ जाए प्राणों की आहुति,
फिर पीछे तुमको नहीं हटना है।
दुश्मन देश को जो धन जो जाता,
उससे खरीदते वे बारूद गोली है।
इसी बारूद और गोली से वे,
खेलते हम से खून की होली है।
लेनी है हमे ऐसी सौगंध सभी ने,
ये सौगंध न जाए अब खाली हो।
अबकी बार दीए ऐसे जलाना,
जिससे देश में खुशहाली हो।।

कार्तिक मास की अमास्या को
तुमने रात न काली करनी है,
विदेशी माल खरीद कर हमे
उनकी झोली नहीं भरनी हैं।
बनाकर मिट्टी के दीए किसी ने
गरीब परिवार ने आस पाली है,
उनकी मेहनत को ख़रीदो तुम,
उनके घर में भी दीवाली है
करना ऐसे यत्न तुम सब
सबके घर में खुशहाली हो।
अबकी बार ऐसे दीए जलाना ,
जिससे देश में खुशहाली हो।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम
मो 9971006425

Language: Hindi
1 Like · 446 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
" नेतृत्व के लिए उम्र बड़ी नहीं, बल्कि सोच बड़ी होनी चाहिए"
नेताम आर सी
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
अभी कहाँ आराम, परम लक्ष्य छूना अभी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Bye bye 2023
Bye bye 2023
Deepali Kalra
कुछ असली कुछ नकली
कुछ असली कुछ नकली
Sanjay ' शून्य'
दशहरा
दशहरा
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
"साल वन"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
कोई हंस रहा है कोई रो रहा है 【निर्गुण भजन】
Khaimsingh Saini
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -188 से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -188 से चुने हुए श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर एक शख्स से ना गिला किया जाए
हर एक शख्स से ना गिला किया जाए
कवि दीपक बवेजा
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
इसका क्या सबूत है, तू साथ सदा मेरा देगी
इसका क्या सबूत है, तू साथ सदा मेरा देगी
gurudeenverma198
ईमानदारी का सबूत
ईमानदारी का सबूत
Sudhir srivastava
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
सुंदरता विचारों व चरित्र में होनी चाहिए,
Ranjeet kumar patre
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
अरे इंसान हैं हम, भगवान नहीं!
अरे इंसान हैं हम, भगवान नहीं!
Ajit Kumar "Karn"
ख़ूबसूरत लम्हें
ख़ूबसूरत लम्हें
Davina Amar Thakral
तुझे पाने की तलाश में...!
तुझे पाने की तलाश में...!
singh kunwar sarvendra vikram
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
इंसान की इंसानियत मर चुकी आज है
प्रेमदास वसु सुरेखा
लिट्टी-चोखा
लिट्टी-चोखा
आकाश महेशपुरी
यह कैसी विडंबना
यह कैसी विडंबना
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जीवन धारा
जीवन धारा
Shweta Soni
माँ तुझे मैं थामना चाहती हूँ
माँ तुझे मैं थामना चाहती हूँ
Chitra Bisht
सूर्योदय
सूर्योदय
Madhu Shah
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
इच्छा शक्ति अगर थोड़ी सी भी हो तो निश्चित
Paras Nath Jha
जुते की पुकार
जुते की पुकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
लघु कथा:सुकून
लघु कथा:सुकून
Harminder Kaur
एक दिये का कमाल
एक दिये का कमाल
MEENU SHARMA
आओ गुफ्तगू करे
आओ गुफ्तगू करे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
To improve your mood, exercise
To improve your mood, exercise
पूर्वार्थ
Loading...