अफसाना
यादों कि अफसाना में कहीं खो गए हम,
तुम्हें खोजने युही निकल गए हम।
लौट के ना आ सकते वे पल खुशी के,
फिर भी तेरे यादों के सहारे,
जीवन के राहों पे चल परे हम।
खोजते खोजते तुम्हें कहीं खो गए हम,
दुखों के पिटारा लैला मजनूं के,
शायद खोल लिए हम।
हमसफ़र,तुम हमराही तो न बन सके,
हमदर्द तो बन जाते।
तुम तो न मिले,
पर तुम्हें पानें के चक्कर में,
अपना दिल जरुर तोड़ लिए हम।