Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2023 · 1 min read

अप्पा की लाडो रानी

अप्पा की लाडो रानी के मन में उठते कई सवाल,
कैसे बहते झरने झर-झर, कैसे सागर अति विशाल?

कैसे पक्षी इतने रंग के, कैसे पौधे कई-कई?
किसने रक्खे नाम ये सारे, फरवरी मार्च अप्रैल मई?

क्यों सूरज हर रोज़ ही सबसे पहले उठकर आता है?
क्या रोज़ाना वो अपना खुद से अलार्म लगाता है?

क्यों चन्दा घटता बढ़ता, क्यों सूरज एक सा रोज़ दिखे?
कौन सवेरे इतने सारे अखबारों को रोज़ लिखे?

मुन्नी के सारे प्रश्नों को अप्पा सब समझाते हैं,
‘शैल’ समान अगम्य से दिखते नए सवाल आ जाते हैं

77 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राहों में
राहों में
हिमांशु Kulshrestha
"जिन्दादिली"
Dr. Kishan tandon kranti
2428.पूर्णिका
2428.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सुख दुख
सुख दुख
Sûrëkhâ
सत्य ही शिव
सत्य ही शिव
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
स्वदेशी कुंडल ( राय देवीप्रसाद 'पूर्ण' )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
Rohit yadav
मुश्किलों पास आओ
मुश्किलों पास आओ
Dr. Meenakshi Sharma
आंखन तिमिर बढ़ा,
आंखन तिमिर बढ़ा,
Mahender Singh
23, मायके की याद
23, मायके की याद
Dr Shweta sood
*बहकाए हैं बिना-पढ़े जो, उनको क्या समझाओगे (हिंदी गजल/गीतिक
*बहकाए हैं बिना-पढ़े जो, उनको क्या समझाओगे (हिंदी गजल/गीतिक
Ravi Prakash
सुख- दुःख
सुख- दुःख
Dr. Upasana Pandey
लफ़्ज़ों में हमनें
लफ़्ज़ों में हमनें
Dr fauzia Naseem shad
■ सावधान...
■ सावधान...
*Author प्रणय प्रभात*
बंदूक की गोली से,
बंदूक की गोली से,
नेताम आर सी
समरथ को नही दोष गोसाई
समरथ को नही दोष गोसाई
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नाक पर दोहे
नाक पर दोहे
Subhash Singhai
सावन मास निराला
सावन मास निराला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इंसान इंसानियत को निगल गया है
Bhupendra Rawat
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
कितने चेहरे मुझे उदास दिखे
Shweta Soni
छत्तीसगढ़ रत्न (जीवनी पुस्तक)
छत्तीसगढ़ रत्न (जीवनी पुस्तक)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जाने कहा गये वो लोग
जाने कहा गये वो लोग
Abasaheb Sarjerao Mhaske
"साम","दाम","दंड" व् “भेद" की व्यथा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
हम तुम्हारे साथ हैं
हम तुम्हारे साथ हैं
विक्रम कुमार
I can’t be doing this again,
I can’t be doing this again,
पूर्वार्थ
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
आदतों में तेरी ढलते-ढलते, बिछड़न शोहबत से खुद की हो गयी।
Manisha Manjari
"राखी के धागे"
Ekta chitrangini
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
माँ का घर (नवगीत) मातृदिवस पर विशेष
ईश्वर दयाल गोस्वामी
देव-कृपा / कहानीकार : Buddhsharan Hans
देव-कृपा / कहानीकार : Buddhsharan Hans
Dr MusafiR BaithA
Loading...