अप्पा की लाडो रानी
अप्पा की लाडो रानी के मन में उठते कई सवाल,
कैसे बहते झरने झर-झर, कैसे सागर अति विशाल?
कैसे पक्षी इतने रंग के, कैसे पौधे कई-कई?
किसने रक्खे नाम ये सारे, फरवरी मार्च अप्रैल मई?
क्यों सूरज हर रोज़ ही सबसे पहले उठकर आता है?
क्या रोज़ाना वो अपना खुद से अलार्म लगाता है?
क्यों चन्दा घटता बढ़ता, क्यों सूरज एक सा रोज़ दिखे?
कौन सवेरे इतने सारे अखबारों को रोज़ लिखे?
मुन्नी के सारे प्रश्नों को अप्पा सब समझाते हैं,
‘शैल’ समान अगम्य से दिखते नए सवाल आ जाते हैं