अपील
अब तो बहार आने दो कंक्रीट के शहर में
फकत एक दरख्त की दरकार है यारो
वीरान हुए चमन को फिर से जिंदगानी चाहिए
आओ मिलकर फिर से हरियाली तो लाओ यारो
सांसे थमी थमी सी दम भी घुटा घुटा सा है
टूटती हुई डोर को एक नया आयाम तो दो यारो
इस शहर की फिजा गमगीन सी हो गई है
खुशियों की इक लहर तो फिर से बहा दो यारो
वीर कुमार जैन
29 जून 2021