– अपनो से आघात –
– अपनो से आघात –
करते है जो आजकल अपनो से आघात,
दुखी सदा वे रहते इस जगत संसार,
बीमारी घेरे रहती रहते सदा अस्पताल के पास,
अपनो से आघात कर लिया हुआ धन,
जाता उनके अस्पताल में जैसे नाली में जा रहा हो पानी साफ,
उनकी ओलादे जाती बिगड़,
धन के साथ रहता सदा उनके मन में अपनो के प्रति अभाव,
पसीना न हुआ उनको पैसा कमाने में ,
वो रखते अपने पिता से सब आस,
करते है जो आजकल अपनो से आघात,
दुखी सदा वे रहते इस जगत संसार,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान