अपनो को।
बदलते मौसम ने बदले है कई अपनो को,
काश! ये बारिश धो देती बुरे सपनो को।
सुना है बादलों में होता है कुछ तिलस्म,
कि कैसे जगा देती है बूंदे सोए दानों को?
जो चले गए अचानक अलविदा कहकर,
कोई उगा देता गमलों में उन अपनों को।
बदलते मौसम ने बदले है कई अपनो को,
काश! ये बारिश धो देती बुरे सपनो को।
सुना है बादलों में होता है कुछ तिलस्म,
कि कैसे जगा देती है बूंदे सोए दानों को?
जो चले गए अचानक अलविदा कहकर,
कोई उगा देता गमलों में उन अपनों को।