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8 Oct 2023 · 1 min read

-अपनो के घाव –

– अपनो के घाव –
भर जाते है तलवार के घाव,
नही रहता कोई निशान,
दर्द भी मिट जाता है जो दिया हुआ होता है दुश्मनों का घाव,
तलवार , छूरी, कटार से भी गहरा होता है शब्दो का घाव,
बुरे वक्त में देते है जो शब्दो का आघात,
करते है शब्दो से वार,
सीने को चीर देता है उनका शाब्दिक प्रहार,
उसमे भी बुरे वक्त में अपनो का व्यवहार,
अपनो के शब्दो का घाव,
गहलोत अपनो से कह रहा नही देना चाहिए भरत किसी को भी शब्दो के घाव,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
सम्पर्क 7742016184

Language: Hindi
249 Views

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