अपनो की गलतफहमियां
आज कुछ ऐसे ही बदल गये,
इल्जाम हमें दे गये,|
गलतियाँ अपनी छुपा रहे ,
बस हमरी ही बता गये,|
पूँछा नहीं हमें बस नाम को ,
बस अपनी ही चला रहे,|
गलतियों को माफ़ कर हम यूँ ही मुसकुरा रहे,
अपने आपको बहुत वो होसयार बता रहे,|
बहुत दी माफियाँ अब इच्छा हम बता रहे,
उस इच्छा को वो जिद ये बता रहे,|
घमण्ड आ गया हैं साहिद अब उनको,
इसलिए वो हमें नीचा दिखा रहे,|
ये बात दिल में चुभ रही हमारें ,
इसलिए हम बता रहे,|
गलतियाँ हमारी नहीं फिर,
क्यूँ गलत हमें बता रहे,|
औक़ात क्या हैं उनकी ये हम जानते हैं,
फिर भी हम उनकी इस बात को छुपा रहे,|
हमारें सामने ऐ सभी बड़ा जाते हैं,
फिर भी हम इस जिद को यूँ ही छुपा रहे,|
गलतियाँ सब उनकी हैं,
वो गलत हमें बता रहे,
इनको हम बताऐं इन्हें ,
हमें ही जिद्दी बता गये,|
आज कुछ ऐसे बदल गये,
इल्जाम हमें दे गये,|
गलतियाँ अपनी छुपा रहे,
बस अपनी ही बता रहे,||
लेखक — Jayvind singh Nagariya ji