अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
ना समझो तो सिर्फ़ समझौतों की है ये जिंदगी..
©®- ‘अशांत’ शेखर
13/04/2023
अपनों को थोड़ासा समझो तो है ये जिंदगी..
ना समझो तो सिर्फ़ समझौतों की है ये जिंदगी..
©®- ‘अशांत’ शेखर
13/04/2023