Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Dec 2022 · 1 min read

अपनों की खातिर कितनों से बैर मोल लिया है

अपनों की खातिर कितनों से बैर मोल लिया है
अब उड़ने दो परिंदे को , पिंजरा खोल दिया है !

फतेह कर – कर ही लौटेंगे मंजिलों को हम ,
यह किसी और से नहीं , खुद से बोल दिया है !!
✍कवि दीपक सरल

Language: Hindi
1 Like · 169 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इश्क समंदर
इश्क समंदर
Neelam Sharma
कर्मवीर भारत...
कर्मवीर भारत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
हिंदी दोहे-पुरवाई
हिंदी दोहे-पुरवाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
नजरे मिली धड़कता दिल
नजरे मिली धड़कता दिल
Khaimsingh Saini
आम्बेडकर ने पहली बार
आम्बेडकर ने पहली बार
Dr MusafiR BaithA
उम्र निकल रही है,
उम्र निकल रही है,
Ansh
मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन
मन की पीड़ाओं का साथ निभाए कौन
Shweta Soni
𝕾...✍🏻
𝕾...✍🏻
पूर्वार्थ
अभिनेता वह है जो अपने अभिनय से समाज में सकारात्मक प्रभाव छोड
अभिनेता वह है जो अपने अभिनय से समाज में सकारात्मक प्रभाव छोड
Rj Anand Prajapati
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
प्रिय मैं अंजन नैन लगाऊँ।
Anil Mishra Prahari
ब्रज के एक सशक्त हस्ताक्षर लोककवि रामचरन गुप्त +प्रोफेसर अशोक द्विवेदी
ब्रज के एक सशक्त हस्ताक्षर लोककवि रामचरन गुप्त +प्रोफेसर अशोक द्विवेदी
कवि रमेशराज
Tum har  wakt hua krte the kbhi,
Tum har wakt hua krte the kbhi,
Sakshi Tripathi
प्राचीन दोस्त- निंब
प्राचीन दोस्त- निंब
दिनेश एल० "जैहिंद"
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
शेखर सिंह
मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना )
मैं प्रगति पर हूँ ( मेरी विडम्बना )
VINOD CHAUHAN
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
जन्मदिन पर आपके दिल से यही शुभकामना।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरे अल्फ़ाज़
मेरे अल्फ़ाज़
Dr fauzia Naseem shad
Rainbow on my window!
Rainbow on my window!
Rachana
छोड़ चली तू छोड़ चली
छोड़ चली तू छोड़ चली
gurudeenverma198
*ड्राइंग-रूम में सजी सुंदर पुस्तकें (हास्य व्यंग्य)*
*ड्राइंग-रूम में सजी सुंदर पुस्तकें (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
Paras Nath Jha
बरसात
बरसात
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
2673.*पूर्णिका*
2673.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*प्रणय प्रभात*
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रात
रात
sushil sarna
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
समाधान से खत्म हों,आपस की तकरार
Dr Archana Gupta
"ख़ूबसूरत आँखे"
Ekta chitrangini
Loading...