Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

अपने

परयों की भीड़ में मिल जाता है कोई अपना सा लगता है,
मगर खुल जाएँ आखें तो सपना सा लगता है,
हकीकत तो यही है,
ना इस समय कोई राम है,
ना हनुमान है,
सीना चीर कर दिखाना पड़े तो दिखा देंगे,
धनुष बाढ़ चलने पड़े,
तो चल लेंगे,
अगर कोई कह दे,
चीर दो सीना,
तो वो अपना कैसे हुआ,
जिंदगी में हर चीज पैसा कैसे हुआ,
जब कोई अपना ही नहीं हुआ|
दौलत से चीज़ कमा सकते हैं,
इंसानियत नहीं,
बहुत से अच्छे बन सकते हैं,
मगर सच्चे नहीं,
सच्चा प्यार ,सच्ची दोस्ती, या सच्चे रिश्ते तो सिर्फ एक कहानी है
सच्च तो ये है कि खुद की पहचान खुद ही बनी है|

3 Likes · 140 Views

You may also like these posts

2557.पूर्णिका
2557.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
- होली के रंग अपनो के रंग -
- होली के रंग अपनो के रंग -
bharat gehlot
दुष्ट कभी भी बाज़
दुष्ट कभी भी बाज़
RAMESH SHARMA
आशीर्वाद गीत
आशीर्वाद गीत
Mangu singh
*माँ सरस्वती (चौपाई)*
*माँ सरस्वती (चौपाई)*
Rituraj shivem verma
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
आँखें कुछ ख़फ़ा सी हो गयी हैं,,,!
पंकज परिंदा
हिन्दू-मुस्लिम
हिन्दू-मुस्लिम
Ashok Sharma
सुदामा जी
सुदामा जी
Vijay Nagar
इस ज़माने में, ऐसे भी लोग हमने देखे हैं।
इस ज़माने में, ऐसे भी लोग हमने देखे हैं।
श्याम सांवरा
पूर्वोत्तर के भूले-बिसरे चित्र (समीक्षा)
पूर्वोत्तर के भूले-बिसरे चित्र (समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जीवन है मेरा
जीवन है मेरा
Dr fauzia Naseem shad
बड़े भाग मानुष तन पावा
बड़े भाग मानुष तन पावा
आकांक्षा राय
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
*सत्संग शिरोमणि रवींद्र भूषण गर्ग*
Ravi Prakash
// प्रसन्नता //
// प्रसन्नता //
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*प्रणय*
کچھ متفررق اشعار
کچھ متفررق اشعار
अरशद रसूल बदायूंनी
दीप जले
दीप जले
Nitesh Shah
तो क्या हुआ... !?
तो क्या हुआ... !?
Roopali Sharma
ये  दुनियाँ है  बाबुल का घर
ये दुनियाँ है बाबुल का घर
Sushmita Singh
चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)
चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)
Vinit kumar
मेरे जब से सवाल कम हैं
मेरे जब से सवाल कम हैं
Dr. Mohit Gupta
परिवार
परिवार
Neeraj Agarwal
गर्दिश में सितारा
गर्दिश में सितारा
Shekhar Chandra Mitra
मुश्किल हालात जो आए
मुश्किल हालात जो आए
Chitra Bisht
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
महोब्बत की बस इतनी सी कहानी है
शेखर सिंह
उम्मीदें और रिश्ते
उम्मीदें और रिश्ते
पूर्वार्थ
रुक्मणी
रुक्मणी
Shashi Mahajan
चिंतन
चिंतन
Dr.Pratibha Prakash
मानसिक शान्ति के मूल्य पर अगर आप कोई बहुमूल्य चीज भी प्राप्त
मानसिक शान्ति के मूल्य पर अगर आप कोई बहुमूल्य चीज भी प्राप्त
Paras Nath Jha
उदास हूं मैं आज।
उदास हूं मैं आज।
Sonit Parjapati
Loading...