मोहब्बत के सिवा मैं कुछ ना चाहता हूं।
अपने महबूब पर मरना चाहता हूं।
मोहब्बत के सिवा मैं कुछ ना चाहता हूं।।1।।
जीने के मैने उसूल बदल डाले है।
मैं फिर से तुमसे इश्क करना चाहता हूं।।2।।
दिमाग से कोशिशे की भूलने की।
पर मैं दिलसे तुझे ना भूलना चाहता हूं।।3।।
तुझसे इश्क का सिला चाहता हूं।
यूं तुम्हारी रूह में मैं उतरना चाहता हूं।।4।।
मेरे तेरे दरम्या ना हो कोई दूरियां।
मैं तेरे दिलकी निस्बत पाना चाहता हूं।।5।।
काश मैं फूल हो जाऊं चमन का।
बनके खुश्बू तुझमें महकना चाहता हूं।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ