अपने मन के
अपने मन के खालीपन को भरते जाओ ।
दुनिया में गर आये हो कुछ करते जाओ ।।
जलने वालों को तो निंदा करने दो ।
खुद के कष्ट हरो दूजों के हरते जाओ ।।
सोच समझकर डाली कहती है फूलों से ।
जाओ दुखियारों के पथ में झरते जाओ ।।
जो बिना कारण दुश्मन बन कर तंग करें ।
उनकी छाती पर अपने पग धरते जाओ ।।
कुत्तों का है काम भौंकना तो भौंकेंगे ।
तुम राहों पर अपनी सदा निडरते जाओ ।।