Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2024 · 1 min read

*अपने बाल खींच कर रोती (बाल कविता)*

अपने बाल खींच कर रोती (बाल कविता)
_______________________
अपने बाल खींचकर रोती
दुखी देर तक अक्सर होती

मॉं ने गुड़िया को समझाया
लेकिन उसको समझ न आया

अब भी ऐसा ही करती है
अपनी करनी खुद भरती है
————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

186 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
यह कौनसा आया अब नया दौर है
यह कौनसा आया अब नया दौर है
gurudeenverma198
एक छोटी सी मुस्कान के साथ आगे कदम बढाते है
एक छोटी सी मुस्कान के साथ आगे कदम बढाते है
Karuna Goswami
जिसका समय पहलवान...
जिसका समय पहलवान...
Priya princess panwar
"मनुष्य की प्रवृत्ति समय के साथ बदलना शुभ संकेत है कि हम इक्
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
4098.💐 *पूर्णिका* 💐
4098.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
Manisha Wandhare
इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
अपना पन तो सब दिखाते है
अपना पन तो सब दिखाते है
Ranjeet kumar patre
बातों में उस बात का,
बातों में उस बात का,
sushil sarna
🙅आज पता चला🙅
🙅आज पता चला🙅
*प्रणय*
आज़ यूं जो तुम इतने इतरा रहे हो...
आज़ यूं जो तुम इतने इतरा रहे हो...
Keshav kishor Kumar
नई नसल की फसल
नई नसल की फसल
विजय कुमार अग्रवाल
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*पल  दो  पल ठहर तो सही*
*पल दो पल ठहर तो सही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शादी की बुनियाद
शादी की बुनियाद
पूर्वार्थ
शहनाई की सिसकियां
शहनाई की सिसकियां
Shekhar Chandra Mitra
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Shyam Sundar Subramanian
आज जो कल ना रहेगा
आज जो कल ना रहेगा
Ramswaroop Dinkar
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
Ravi Prakash
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
शिव प्रताप लोधी
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
"फितरत"
Ekta chitrangini
बलात्कार जैसे घृणित कार्य की दुर्भावना भारत जैसे देश में हाव
बलात्कार जैसे घृणित कार्य की दुर्भावना भारत जैसे देश में हाव
Rj Anand Prajapati
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
Arvind trivedi
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कल हमारे साथ जो थे
कल हमारे साथ जो थे
ruby kumari
माँ
माँ
SHAMA PARVEEN
एक  दोस्त  ही  होते हैं
एक दोस्त ही होते हैं
Sonam Puneet Dubey
मतदान
मतदान
Dr Archana Gupta
" लफ़्ज़ "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...