अपने पराये होते हैं
अपने पराये होते हैं पर
कितने पराये
उसकी कोई सीमा निर्धारित
होनी चाहिए
एक बेटा अपनी देवी जैसी शरीफ
मां की शक्ल भी
देखना न चाहे तो
यह तो भगवान की
तौहीन हो गई
या उससे भी बढ़कर
एक घिनौना अपराध
शायद माफी के लायक भी
नहीं
भगवान द्वारा भी नहीं और
भुक्तभोगी किसी इंसान के द्वारा
भी नहीं और
अपने बच्चे के लिए
सदैव धड़कते
उसकी मां के दिल द्वारा भी
नहीं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001