Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Mar 2024 · 1 min read

*अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)*

अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात (कुंडलिया)
____________________________
अपने करते द्वेष हैं, अपने भीतरघात
बाहर से मक्खन लगें, चिकनी-चुपड़ी बात
चिकनी-चुपड़ी बात, भरे दिल के अति काले
मुॅंह से जपते राम, बगल में छुरी सॅंभाले
कहते रवि कविराय, देखते अपने सपने
कैसे गिरें धड़ाम, एक धक्के में अपने

अपने = रिश्तेदार, पड़ोसी, मित्र, सहकर्मी आदि
——————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

171 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
राजनीति
राजनीति
Bodhisatva kastooriya
कहानी
कहानी
Rajender Kumar Miraaj
जन्मदिन विशेष :
जन्मदिन विशेष :
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
जिस-जिस से पथ पर स्नेह मिला,
ruby kumari
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
Suryakant Dwivedi
सफर ये मुश्किल बहुत है, मानता हूँ, इसकी हद को भी मैं अच्छे स
सफर ये मुश्किल बहुत है, मानता हूँ, इसकी हद को भी मैं अच्छे स
पूर्वार्थ
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
Sarfaraz Ahmed Aasee
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
धर्म के रचैया श्याम,नाग के नथैया श्याम
कृष्णकांत गुर्जर
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अंधेरे से लड़ो मत,
अंधेरे से लड़ो मत,
नेताम आर सी
बेचारे नेता
बेचारे नेता
गुमनाम 'बाबा'
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
कवि रमेशराज
सुखी जीवन बनाने के लिए बहुत कम की आवश्यकता होती है; यह सब आप
सुखी जीवन बनाने के लिए बहुत कम की आवश्यकता होती है; यह सब आप
ललकार भारद्वाज
4913.*पूर्णिका*
4913.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
धड़कनें थम गई थीं
धड़कनें थम गई थीं
शिव प्रताप लोधी
बाबा भीम आये हैं
बाबा भीम आये हैं
gurudeenverma198
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
जब तक हम जीवित रहते हैं तो हम सबसे डरते हैं
Sonam Puneet Dubey
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
तुम आये तो हमें इल्म रोशनी का हुआ
sushil sarna
सोच रहा अधरों को तेरे....!
सोच रहा अधरों को तेरे....!
singh kunwar sarvendra vikram
🙅आज का आनंद🙅
🙅आज का आनंद🙅
*प्रणय*
पल में सब  कुछ खो गया
पल में सब कुछ खो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नन्हा मछुआरा
नन्हा मछुआरा
Shivkumar barman
अमीर
अमीर
Punam Pande
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
भावों का विस्तृत आकाश और कलम की बगीया
©️ दामिनी नारायण सिंह
तलाश
तलाश
Vandna Thakur
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
Neeraj Agarwal
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
जो धधक रहे हैं ,दिन - रात मेहनत की आग में
Keshav kishor Kumar
ख्वाहिशे  तो ताउम्र रहेगी
ख्वाहिशे तो ताउम्र रहेगी
Harminder Kaur
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
Ravi Prakash
Loading...