अपने आप को ही सदा श्रेष्ठ व कर्मठ ना समझें , आपकी श्रेष्ठता
अपने आप को ही सदा श्रेष्ठ व कर्मठ ना समझें , आपकी श्रेष्ठता तभी कम हो जाती है जब आप एक नन्हीं सी चींटी की भांति निरन्तर व अनथक प्रयास नहीं कर पाते ।।
चुनौतियाँ , कठिनाइयाँ , निरन्तर संघर्ष और असफलता अक्सर आपको डगमगा देती है ।
” चींटी हमसे अधिक श्रेष्ठ है ।”
सीमा वर्मा
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