*अपनेपन से भर सको, जीवन के कुछ रंग (कुंडलिया)*
अपनेपन से भर सको, जीवन के कुछ रंग (कुंडलिया)
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अपनेपन से भर सको, जीवन के कुछ रंग
सीखो सबके संग यह, जीने के शुचि ढंग
जीने के शुचि ढंग, आत्मवत सबको जानो
सब में बसता ईश, अंश सब उसके मानो
कहते रवि कविराय, शुद्ध हो अंतर्मन से
रखो सरल व्यवहार, सभी से अपनेपन से
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451