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3 Jun 2022 · 1 min read

अपनेपन से भरे हुए परिवार में (गीत )

अपनेपन से भरे हुए परिवार में (गीत )
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सुख मिलता है नहीं स्वर्ग में कल्पवृक्ष साकार में
सुख मिलता है अपनेपन से भरे हुए परिवार में
(1)
छप्पन भोग छतीसों व्यंजन धरे हुए रह जाते
कोठी बँगले महल कीमती भरे हुए रह जाते
खुशियों का स्पर्श छिपा है घर आंगन के द्वार में
सुख मिलता है अपनेपन से भरे हुए परिवार में
(2)
ताऊ ताई चाचा चाची बुआ बहन या भाई
यह रिश्ते अनमोल न इनकी कीमत लगने पाई
दो पैसों के लिए न टूटें रिश्ते यह तकरार में
सुख मिलता है अपनेपन से भरे हुए परिवार में
(3)
सुख मिलता है पति की आँखों पत्नी की बाहों में
सुख मिलता है पोता-पोती की नन्हीं चाहों में
सुख मिलता है तीन पीढ़ियों के आपस के प्यार में
सुख मिलता है अपनेपन से भरे हुए परिवार में
(4)
आलीशान बड़े देशों में चाहे जितना घूमो
बनो विश्वविख्यात भले ऊँचाई जो भी चूमो
बिकती है सुख शांति चैन कब दुनिया के बाजार में
सुख मिलता है अपनेपन से भरे हुए परिवार में
——————————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर
मोबाइल 9997615451

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 734 Views
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