Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2019 · 1 min read

अपनी हिंदी

मधुर मनोहर मीठी फूलों-सी है अपनी हिंदी।
सावन के मस्ती भर झूलों-सी है अपनी हिंदी।।
जन-मन भावन उमंग तरंग-सी है पावन हिंदी।
गीत ग़ज़ल कवित कथा सभी विधा का तनमन हिंदी।।

शीश उठाकर सबसे आगे चलती जाए हिंदी।
भाव सजाकर सबके दिल में बसती जाए हिंदी।
पंख लगाकर जग में उड़ती हँसती जाए हिंदी।
मान दिलाकर भारत को मन रचती जाए हिंदी।।

सब भाषाएँ हैं अच्छी हिंदी की बातें न्यारी।
जैसे बोलो वैसे लिखना है वैज्ञानिक प्यारी।।
पूरे भारत को एक शूत्र में बाँधे रखती जो।
क्षमता रखती ये तो बस इकलौती हिंदी हमारी।।

पंत प्रसाद निराला के भावों को सुर में ढ़ाला।
वर्मा मन बसी पीड़ा को अंदाज़ दिया निराला।।
माखन बच्चन दिनकर गुप्त के हृदय को संभाला।
प्रीतम ने भी हँस पी लिया हिंदी प्रेम का प्याला।।

आर.एस.प्रीतम
?????

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
" मँगलमय नव-वर्ष-2024 "
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
हर राह सफर की।
हर राह सफर की।
Taj Mohammad
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक कुंडलिया
एक कुंडलिया
SHAMA PARVEEN
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
Bhupendra Rawat
*बदलना और मिटना*
*बदलना और मिटना*
Sûrëkhâ
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
बगिया के गाछी आउर भिखमंगनी बुढ़िया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बहुत
बहुत
sushil sarna
श्री राम का अन्तर्द्वन्द
श्री राम का अन्तर्द्वन्द
Paras Nath Jha
3388⚘ *पूर्णिका* ⚘
3388⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
18- ऐ भारत में रहने वालों
18- ऐ भारत में रहने वालों
Ajay Kumar Vimal
अपनी सत्तर बरस की मां को देखकर,
अपनी सत्तर बरस की मां को देखकर,
Rituraj shivem verma
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
कौन है जिम्मेदार?
कौन है जिम्मेदार?
Pratibha Pandey
*देखो मन में हलचल लेकर*
*देखो मन में हलचल लेकर*
Dr. Priya Gupta
मैं
मैं
Vivek saswat Shukla
मैं तो महज शराब हूँ
मैं तो महज शराब हूँ
VINOD CHAUHAN
यदि आप नंगे है ,
यदि आप नंगे है ,
शेखर सिंह
* इस तरह महंगाई को काबू में लाना चाहिए【हिंदी गजल/ गीति
* इस तरह महंगाई को काबू में लाना चाहिए【हिंदी गजल/ गीति
Ravi Prakash
वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव जीवन पर इसका प्रभाव
वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव जीवन पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
उतर चुके जब दृष्टि से,
उतर चुके जब दृष्टि से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वर्षा रानी⛈️
वर्षा रानी⛈️
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
बाक़ी है..!
बाक़ी है..!
Srishty Bansal
#मुक्तक
#मुक्तक
*प्रणय प्रभात*
अपनी पहचान
अपनी पहचान
Dr fauzia Naseem shad
इतना तो करम है कि मुझे याद नहीं है
इतना तो करम है कि मुझे याद नहीं है
Shweta Soni
हमें ईश्वर की सदैव स्तुति करनी चाहिए, ना की प्रार्थना
हमें ईश्वर की सदैव स्तुति करनी चाहिए, ना की प्रार्थना
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माफ़ कर दे कका
माफ़ कर दे कका
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
Loading...