अपनी माँ ।
अपनी माँ तो अपनी है
अपने भुखा रहकर हम को दुध पीलाती माँ।
अपने रात को जग कर हमको सुलाती माँ ॥
जीवन की हर खुशी देकर ।
हर दुख रोले ती माँ ॥
जब हम रोते है तो ।
हमे को लोरी सुनाती है माँ ॥
जब नराज हो जाते तो ।
हमे गीत सुनाती है माँ ॥
जब हम बड़े होकर छोड़ कर जाते तो ।
फुट -फुट कर रोती है माँ॥
अपने जीवन का हर पल ।
हम को दे देती है माँ ॥
॥ अपनी माँ तो अपनी हैं ॥
ॐपवन यादवॐ