अपनी निबेड़ तू
अपनी सिली जाती नही मत औरों की उधेड़ तू
तुझको पराई क्या पड़ी पहले अपनी निबेड़ तू
धंधे काले है या सफेद उसके वो जाने उसका काम
तू अपना दिल साफ रख ठुकी कील को ना उखेड़ तू
तुझको पराई क्या पड़ी पहले अपनी निबेड़ तू
जितनी ताका झांकी करेगा दुख उतना सताएगा
किसी की चिलमन का पर्दा हटा मत किसी को छेड़ तू
तुझको पराई क्या पड़ी पहले अपनी निबेड़ तू
एक तरफ कुआं है एक तरफ खाई तू सीधा चल
पाँव में तेरी कांटें चुभे राह के सिर्फ उनको उखेड़ तू
तुझको पराई क्या पड़ी पहले अपनी निबेड़ तू
किसी की फटी में टांग अड़ाना गर तू छोड़ देगा
किसी की तरक्की से खुद को जलाना गर तू छोड़ देगा
जिंदगी तेरी बन जाएगी स्वर्ग से भी बेहतर
वर्ना दुनिया के कीचड़ में फंस अपना माथा तू फोड़ लेगा
इसलिए
अपनी सिली जाती नही मत औरों की उधेड़ तू
तुझको पराई क्या पड़ी पहले अपनी निबेड़ तू
वीर कुमार जैन
12 सितंबर 2021