Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jun 2023 · 1 min read

अपनी क़िस्मत को हम

अपनी किस्मत को हम कहां रखते ।
कैसे कोई उम्मीदें दर खुला रखते ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
11 Likes · 173 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

चंद शेर
चंद शेर
Shashi Mahajan
जिस अंधकार से विचलित तुम
जिस अंधकार से विचलित तुम
Priya Maithil
जता दूँ तो अहसान लगता है छुपा लूँ तो गुमान लगता है.
जता दूँ तो अहसान लगता है छुपा लूँ तो गुमान लगता है.
शेखर सिंह
मालूम नहीँ
मालूम नहीँ
Rambali Mishra
#कविता-
#कविता-
*प्रणय*
3809.💐 *पूर्णिका* 💐
3809.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
आवारापन एक अमरबेल जैसा जब धीरे धीरे परिवार, समाज और देश रूपी
Sanjay ' शून्य'
स = संगीत
स = संगीत
शिव प्रताप लोधी
आज के समाज का यही दस्तूर है,
आज के समाज का यही दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
हमें अपने जीवन के हर गतिविधि को जानना होगा,
Ravikesh Jha
जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं,
जो गूंजती थी हर पल कानों में, आवाजें वो अब आती नहीं,
Manisha Manjari
निर्गुण सगुण भेद
निर्गुण सगुण भेद
मनोज कर्ण
आवाजें
आवाजें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
देहदान का संकल्प (सौहार्द शिरोमणि संत सौरभ पर अधारित)
देहदान का संकल्प (सौहार्द शिरोमणि संत सौरभ पर अधारित)
World News
नौकरी
नौकरी
Rajendra Kushwaha
खुद क्यों रोते हैं वो मुझको रुलाने वाले
खुद क्यों रोते हैं वो मुझको रुलाने वाले
VINOD CHAUHAN
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
प्रकृति की गोद
प्रकृति की गोद
उमा झा
" मौन "
Dr. Kishan tandon kranti
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
हम न रोएंगे अब किसी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
यदि आप सकारात्मक नजरिया रखते हैं और हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प
पूर्वार्थ
डॉ ऋषि कुमार चतुर्वेदी (श्रद्धाँजलि लेख)
डॉ ऋषि कुमार चतुर्वेदी (श्रद्धाँजलि लेख)
Ravi Prakash
" सुबह की पहली किरण "
Rati Raj
प्रेम पीड़ा का
प्रेम पीड़ा का
Dr fauzia Naseem shad
खून से लिखल चिट्ठी
खून से लिखल चिट्ठी
Shekhar Chandra Mitra
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
Manisha Wandhare
मां!क्या यह जीवन है?
मां!क्या यह जीवन है?
Mohan Pandey
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
कई महीने साल गुजर जाते आँखों मे नींद नही होती,
Shubham Anand Manmeet
मां शारदे!
मां शारदे!
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Loading...