अपनी इबादत को कभी
1.
अपनी इबादत को कभी
ज़ाहिर नहीं किया मैंने
ये तेरा करम है कि
तू मेरे साथ है हर पल
2.
ज़मीर को तू मेरे
पाक साफ़ रख
तेरा दीदार हो जब भी
तुझसे नज़रें मिला सकूं मैं
1.
अपनी इबादत को कभी
ज़ाहिर नहीं किया मैंने
ये तेरा करम है कि
तू मेरे साथ है हर पल
2.
ज़मीर को तू मेरे
पाक साफ़ रख
तेरा दीदार हो जब भी
तुझसे नज़रें मिला सकूं मैं