जो हुक्म देता है वो इल्तिजा भी करता है
*नल से जल की योजना, फैले इतनी दूर (कुंडलिया)*
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
"यात्रा पर निकलते समय, उन लोगों से सलाह न लें जिन्होंने कभी
ख्वाब सुलग रहें है... जल जाएंगे इक रोज
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवाम
बस तू हीं नहीं मुझसे एक बेवफ़ा हुआ...
तू क्या जाने कितना प्यार करते हैं तुझसे...
मत फैला तू हाथ अब उसके सामने
स्वयंभू
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मुद्दतों बाद फिर खुद से हुई है, मोहब्बत मुझे।
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
शादी होते पापड़ ई बेलल जाला
अज्ञात है हम भी अज्ञात हो तुम भी...!