अपना रस्ता खुद बना सको
अपना रस्ता खुद बना सको
क्या तुममे इतनी सामर्थ्य नही
बात बात पर रोने से
कुछ भी तो मिलता है ही नही
थाल परोसी मिल जाए
यहां किसको भला काटती है
मेहनत का एक निवाला तेरे
किसी छप्पन भोग से कम नही
रूबी चेतन शुक्ला
अपना रस्ता खुद बना सको
क्या तुममे इतनी सामर्थ्य नही
बात बात पर रोने से
कुछ भी तो मिलता है ही नही
थाल परोसी मिल जाए
यहां किसको भला काटती है
मेहनत का एक निवाला तेरे
किसी छप्पन भोग से कम नही
रूबी चेतन शुक्ला