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31 May 2024 · 1 min read

अपना भी नहीं बनाया उसने

अपना भी नहीं बनाया उसने
अपना भी नहीं बनाया उसने और
किसी और का होने भी नहीं दिया ।

बात भी नहीं की उसने मुझसे और
रात भर उसने सोने भी नहीं दिया ।।

वह आया मेरी जिंदगी कुछ पल
रास्ते में छोड़ कर चला गया मुझे ।

दामन खुशियों से भिगोया भी नहीं
और किसी से भिगोने भी नहीं दिया।।

मोतियों की माला सा था जीवन
धागे के टूटने से ही बिखर गया ।

उसने माला में मोती पिरोया नहीं
और किसी से पिरोने भी नहीं दिया।।

कैसी अधूरी दास्ता लिखी उसने
मुकम्मल उसे भी होने ना दिया ।

उसने तो पाया भी नहीं मुझको
और उसने खोने भी नहीं दिया ।।

बड़ा ही गहरा था वो दरिया यार
और ऊपर से गुरूर भी अलग ,

किसी को पूरा नहला दिया गया
और मुझे मुह भी धोने ना दिया ।

✍️कवि दीपक सरल

Language: Hindi

Language: Hindi
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