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24 Sep 2020 · 1 min read

–अपना पैसा मांग कर देखो —

इज्जत, मान, मर्यादा का
अब जमाना नहीं रहा
अपनी जेब तक का दोस्तों
अब खजाना भी अपना नहीं रहा

देकर किसी को देखो
फिर जरा मांग कर देखो
नित नए किस्से न बन जाए
सही इंसान का अब जमाना नहीं रहा

लूटने को न जाने
कितने बहानो का पैमाना न रहा
अपनी मेहनत की कमाई का
वापिस आने का फ़साना नहीं रहा

जब तक चाहेंगे लोग
धन दौलत को इस्तेमाल करेंगे
जहाँ खुला मांग लेने का प्रश्न
दोस्तों ताने वो आपको हजार देंगे
तभी तो विश्वाश का जमाना नहीं रहा

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
481 Views
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