Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2023 · 1 min read

अन्न पै दाता की मार

::अन्न पै दाता की मार::
(शनिवार, 01 अप्रैल 2023)

बेमौसम बरसात
ओल्यां की बौछार।
हवा का कहर
अन्न पै दाता की मार।।
कौण रुखाला
किसनै सरोकार
ना हारी बीमारी
ना दर्द बुखार
लाचार अन्नदाता
होरया जबर बीमार।।
गोली बरगी लाग्गै
ये कांकडे-ओले-बून्द
दो-चार।
चौपट होग्या काम धाम,
क्यूकर चाल्लै गुजारा पिटग्या रोजगार।।
आश टूटगी इस बार बी,
रोटी दूभर लाग्गै इस बार बी।
कर्जे पै कर्जा,
क्यूकर सरैगा
टेंशन म्ह कटैगा सोमवार बी ऐतवार बी।
बेखबर सरकार,
मेहनत बेकार,
सब्र क्यूकर करूं
रह्या मुर्दे नै मार।।
एक आश तेरा
विश्वास तेरा।
मैं ईब बी रह्या तन्नै निहार।।
कहानी नहीं
हकीकत मेरी
कद सुनैगा करुण पुकार।।
“सुनील सैनी” कुछ समझ ना आवै
के करूँ जतन
के करूँ उपचार।
पत्थर होगी अक्ल मेरी,
क्यूकर आपा बी लेऊँ मार।।
बेमौसम बरसात
ओल्या की बौछार
हवा का कहर
अन्न पै दाता की मार
अन्नदाता बिचारा
बीमार- लाचार।।

©सुनील सैनी “सीना”,
राम नगर, रोहतक रोड़, जीन्द(हरियाणा)-१२६१०२.

1 Like · 525 Views

You may also like these posts

"" *वाङमयं तप उच्यते* '"
सुनीलानंद महंत
कविता : आँसू
कविता : आँसू
Sushila joshi
इश्क पहली दफा
इश्क पहली दफा
साहित्य गौरव
मतलबी इंसान है
मतलबी इंसान है
विक्रम कुमार
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
तलाश
तलाश
ओनिका सेतिया 'अनु '
रहो तुम प्यार से जुड़कर ,
रहो तुम प्यार से जुड़कर ,
DrLakshman Jha Parimal
एक दीप तो जलता ही है
एक दीप तो जलता ही है
कुमार अविनाश 'केसर'
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
हो मेहनत सच्चे दिल से,अक्सर परिणाम बदल जाते हैं
पूर्वार्थ
विधु की कौमुदी
विधु की कौमुदी
Vivek Pandey
अमर काव्य
अमर काव्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
"बिन स्याही के कलम "
Pushpraj Anant
हमने सुना था के उनके वादों में उन कलियों की खुशबू गौर से पढ़
हमने सुना था के उनके वादों में उन कलियों की खुशबू गौर से पढ़
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3506.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3506.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
*जिंदगी के  हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
*जिंदगी के हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अपने को जो कहाएं ज्ञानी
अपने को जो कहाएं ज्ञानी
Acharya Shilak Ram
°°आमार साद ना मिटिलो.....??
°°आमार साद ना मिटिलो.....??
Bimal Rajak
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
*स्वतंत्रता आंदोलन में रामपुर निवासियों की भूमिका*
Ravi Prakash
मिला क्या है
मिला क्या है
surenderpal vaidya
"जीवन की रेलगाड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे हो गया है तुमसे प्यार,
मुझे हो गया है तुमसे प्यार,
Jyoti Roshni
माना आज उजाले ने भी साथ हमारा छोड़ दिया।
माना आज उजाले ने भी साथ हमारा छोड़ दिया।
सत्य कुमार प्रेमी
सत्य शुरू से अंत तक
सत्य शुरू से अंत तक
विजय कुमार अग्रवाल
■ पाठक बचे न श्रोता।
■ पाठक बचे न श्रोता।
*प्रणय*
5) “पूनम का चाँद”
5) “पूनम का चाँद”
Sapna Arora
दोहे
दोहे
manjula chauhan
संत
संत
Rambali Mishra
२०२३
२०२३
Neelam Sharma
हमेशा कुछ ऐसा करते रहिए जिससे लोगों का ध्यान आपके प्रति आकषि
हमेशा कुछ ऐसा करते रहिए जिससे लोगों का ध्यान आपके प्रति आकषि
Raju Gajbhiye
रोना ना तुम।
रोना ना तुम।
Taj Mohammad
Loading...