अन्न पै दाता की मार
::अन्न पै दाता की मार::
(शनिवार, 01 अप्रैल 2023)
बेमौसम बरसात
ओल्यां की बौछार।
हवा का कहर
अन्न पै दाता की मार।।
कौण रुखाला
किसनै सरोकार
ना हारी बीमारी
ना दर्द बुखार
लाचार अन्नदाता
होरया जबर बीमार।।
गोली बरगी लाग्गै
ये कांकडे-ओले-बून्द
दो-चार।
चौपट होग्या काम धाम,
क्यूकर चाल्लै गुजारा पिटग्या रोजगार।।
आश टूटगी इस बार बी,
रोटी दूभर लाग्गै इस बार बी।
कर्जे पै कर्जा,
क्यूकर सरैगा
टेंशन म्ह कटैगा सोमवार बी ऐतवार बी।
बेखबर सरकार,
मेहनत बेकार,
सब्र क्यूकर करूं
रह्या मुर्दे नै मार।।
एक आश तेरा
विश्वास तेरा।
मैं ईब बी रह्या तन्नै निहार।।
कहानी नहीं
हकीकत मेरी
कद सुनैगा करुण पुकार।।
“सुनील सैनी” कुछ समझ ना आवै
के करूँ जतन
के करूँ उपचार।
पत्थर होगी अक्ल मेरी,
क्यूकर आपा बी लेऊँ मार।।
बेमौसम बरसात
ओल्या की बौछार
हवा का कहर
अन्न पै दाता की मार
अन्नदाता बिचारा
बीमार- लाचार।।
©सुनील सैनी “सीना”,
राम नगर, रोहतक रोड़, जीन्द(हरियाणा)-१२६१०२.