अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
नों नों सम्मन निगल गए पर पूछताछ न टली
आखिर फंस ही गए कट्टर जी, पुलिस उठा ले चली
इससे तो वो बिल्ली भली,हज करने तो चली
चूहे खाकर चुपचाप प्राश्चित, करने को तो चली
गिरफ्तारी के डर से ही,सम्मन अवैध बताते थे
कट्टर ईमानदारी के गीत, इंकलाब के नारे लगाते थे
एक तरफ सरदार भगतसिंह, अम्बेडकर के चित्र लगाते थे
सच्चे देशभक्त तिरंगा झंडा लहराते थे
भ्रष्टाचार मुक्त शासन के, सपने जो दिखलाते थे
आखिर में पकड़े गए हैं वे, रिश्वत और भ्रष्टाचार में
जनता को बेवकूफ बना कर,कमा रहे सरकार में
अन्ना जी का लगा श्राप अब, पड़े हैं कारागार में
चलते रहे सम्मन पर सम्मन ,अब हो गई है चला चली
ऐसे भ्रष्ट बेईमानों से तो,वो बिल्ली ही भली भली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा, हो रही है अब गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी