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6 Jan 2021 · 1 min read

*”अन्नदाता”*

“अन्नदाता”
कृषि प्रधान भारत देश सोने की चिड़िया कहलाता।
बंजर जमीन को उपजाऊ बना ,
बीज बोता फसल उगाता।
सुबह सबेरे खेतों पे बैलों को बांध
हल चला जुताई करता।
किसान अन्नदाता कहलाता????????
खेत खलिहानों में कड़ी मेहनत कर पसीना बहाता।
बैलों के गले में बंधी घण्टियाँ ,
मधुर स्वर सींगों पे नीला रंग बहुत लुभाता।
तपती धूप गर्मी सर्दी बारिश में ,
हर मौसम की मार है सहता।
किसान अन्नदाता कहलाता
????????
बिजली पानी खाद समयानुसार,
ना मिलता व्यथित उदास हो जाता।
आसमान में नजरें गढ़ाये कब बरसे बादल आंखे तरसे ,
कभी बेमौसम बारिश ओलावृष्टि से परेशान हो जाता।
बदलता समय चक्र कुदरत का आगाज क्यों रूठे भाग्य विधाता।
किसान अन्नदाता कहलाता
????????
कर्मठ किसान जब खेती किसानी कर फ़सलें उपजाता।
जय जवान जय किसान के नारे भी लगाता जाता।
रूठे भाग्य की कहानी किसे सुनाए ,कर्जदार बन कड़ी मेहनत कर भाग्य आजमाता।
कर्जदार ऋण मुक्ति की खातिर,
हर संकट का सामना कर आगे ही बढ़ते जाता।
किसान अन्नदाता कहलाता
????????
लहलहाते हुए फसलों को देख ,
मेहनत सफल प्रफुल्लित हो जाता।
कर्जदार से मुक्त हो त्यौहार मना,
विश्वास कभी न डगमगाने देता।
खुशियों से झूम उठता ,हम सबकी भूख मिटाता।
तन मन धन अपना सर्वस्व न्योछावर कर, ईश्वर को शुक्रिया अदा करता।
किसान अन्नदाता कहलाता
????????
मिट्टी से प्यार अन्न का सम्मान ,
मेहनतकश यही पहचान दिखाता।
जी तोड़ मेहनत कर फसलों का ,
उचित मूल्य न मिल पाता।
बिचौलिये जब फसल का दुगुना दाम में बेचता किसान को न्याय नहीं मिल पाता।
किसान का दर्द फिर भी मुश्किलों से हार नही मानता।
किसान अन्नदाता कहलाता
????????
शशिकला व्यास✍️

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 256 Views
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