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8 Sep 2024 · 1 min read

अनौठो_संवाद (#नेपाली_लघु_कथा)

आज बिहान सार्वजनिक बसबाट म रेगुलर ल्याब टेष्टका लागि टेकुस्थित राष्ट्रिय जनस्वास्थ्य प्रयोगशाला जाँदै थिएँ । बसका सबै यात्रु आ-आफ्नै धूनमा मग्न थिए । कोही गफमा व्यस्त थिए त कोही मोबाईलमा ….! थानकोट-रत्नपार्क चल्ने बस खचाखच थियो ।
बस टेकु पुग्नै लागेको थियो । बसका सह-चालक भाईले टेकु झर्नेहरू अगाडि आउनुस्… भन्ने बित्तिकै एकजना ज्येष्ठ नागरिक जोरले चिच्याएको आबाज सुनियो । सबैको ध्यान उनकै चिच्याहटले तान्यो । ‘के भएछ ?’ सबैमा कौतुहुलता देखिन्थ्यो। एकजना यात्रुले सोध्यो,’ के भयो बा’लाई ?’ (यात्रु सबै मौन) ।
ज्येष्ठ नागरिक(बा’ले) भन्यो,’ के हुनु नी ! कालिमाटी झर्ने मान्छे टेकु पुग्यो …..वर्तमान बा’को सरकारले टिकटकलाई फुकूवा जो गरेछन् ….! (सबै यात्रु एक-अर्काको अनुहार हेर्दै गनगनाउँदै थिए ) ! ती मध्ये एउटा यात्रुले भन्यो, ‘ बा’के भन्नु भा’को… ?’ आफ्नो झोलासहित बसको गेटमा पुगिसकेका ती ज्येष्ठ नागरिकले प्रतिउत्तरमा भन्यो, ‘नेपालमा टिकटकमाथिको प्रतिबन्ध हटाउँदा नेपालीहरू निक्कै आगाडि बढ्न सक्छन् रे त ! साँच्चै हो रै’छ…. ! हेर्नुस् न मलाई, टिकटक हेर्नमा व्यस्त हुँदा, दुई बस स्टप पहिले (कालीमाटी) मा ओर्लिनु पर्ने म आगाडि (टेकु) आई पुगेछु …। ‘
यो भनाईपछि बसभित्रका सबै यात्रुको हाँसो एकाएक विस्फोट हुँदा वरपरका मानिसको ध्यान तानेको देखिन्थ्यो । म गन्तव्यमा पुगिसकेको थिएँ । बसबाट ओर्लें, बा’को अनुहार हेर्दै टेकु प्रयोगशाला तिर लागें । तर, मेरो कानमा बसका यात्रुको त्यो गल्लल हाँसो अझै गुञ्जयमान थियो ….। टिकटक खुलामाथि एकै पटक धेरै प्रश्न पनि तेर्सिएको छ ! @दिनेश_यादव #GoodMorningEveryone #सामाजिक #साहित्य #travelling #trendingreels #साहित्यरत्न #नेपाली #literature #shortstory

Language: Nepali
Tag: कथा
77 Views
Books from Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
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