वीर जवानी
वैरी के समक्ष जो शीर्ष काटते
वही वीर जवानी है ,
पर जो डरकर देशद्रोह करते
वह निरर्थक जवानी है।
अपनी ईप्शों को अज्ञान ,
अपने स्वजनों को कूल ,
जो देश की परिचर्या करता ,
वही वीर जवानी है।
भारत के तरुण सकल ,
दासत्व मिटाने आए हैं ,
अपने उम्दा कृत्य पथों से
जग को कौंधने आए हैं।
फिर से एक संग मिलकर
क्रांति की हिलोर दौड़ाएँगे ,
जग के अनीतियों के रुद्ध
फिर से आवाज उठाऍंगे ,
हम युवा देश के संरक्षक हैं
श्रद्धा से अपना सत्कर्म निभाएँगे।
✍️✍️✍️उत्सव कुमार आर्या