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विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
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7 Feb 2024 · 1 min read
अनोखा दौर
बेईमानों का चला,
एक अनोखा दौर।
उजले कपड़े पहन कर,
निकले घर से चोर।
Competition:
Poetry Writing Challenge-2
Language:
Hindi
Tag:
दोहा
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